भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या लंदन के रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस से बाहर निकले।
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को विजय माल्या को तीन साल के लिए भारत के प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया। सेबी ने माल्या को किसी भी सूचीबद्ध फर्म से जुड़ने से भी प्रतिबंधित कर दिया। म्यूचुअल फंड सहित उनकी मौजूदा होल्डिंग्स फ्रीज रहेंगी। यूनाइटेड ब्रुअरीज में 8.1% हिस्सेदारी और यूनाइटेड स्पिरिट्स में 0.01% हिस्सेदारी रखने वाले माल्या पर किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण चूक का मामला चल रहा है। 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए गए माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़ने के बाद से यूके में रह रहे हैं।
गैर जमानती वारंट जारी
1 जुलाई को मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने इंडियन ओवरसीज बैंक से जुड़े 180 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्ट मामले में माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि माल्या ने “जानबूझकर” भुगतान न करके बैंक को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया।
भारत के प्रत्यर्पण प्रयास
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए भारत के मजबूत मामले पर जोर दिया। उन्होंने ब्रिटेन से कर चोरों और कर न चुकाने वालों के लिए पनाहगाह के रूप में देखे जाने से बचने के लिए जिम्मेदाराना दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया, जिससे ब्रिटेन की प्रतिष्ठा पर असर पड़ सकता है।
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